पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी नेशनल क्रिप्टो काउंसिल (Pakistan Crypto Council – PCC) का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्य देश के फाइनेंशियल सिस्टम में ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स को इंटीग्रेट करना और उसे रेगुलेट करना है। यह कदम Government of Pakistan द्वारा डिजिटल फाइनेंस के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान बनाने की दिशा में उठाया गया है। वहीं अगर भारत की बात की जाए तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति अभी भी अस्पष्ट है और सरकारी नीतियां इसके प्रति अनिश्चित बनी हुई हैं। इस लेख में हम पाकिस्तान के इस कदम और भारत की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Pakistan Crypto Council (PCC) का गठन और उद्देश्य
पाकिस्तान ने हाल ही में अपने डिजिटल फाइनेंशियल फ्रेमवर्क को और मजबूत करने के लिए Pakistan Crypto Council (PCC) की घोषणा की है। यह काउंसिल Finance Minister of Pakistan Muhammad Aurangzeb के नेतृत्व में काम करेगी। इसके अलावा, काउंसिल में पाकिस्तान के सेन्ट्रल बैंक State Bank of Pakistan, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SECP) और अन्य सरकारी विभागों के प्रमुख शामिल होंगे, जो इसे एक संतुलित और समग्र दृष्टिकोण देने में मदद करेंगे।
PCC का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान में Cryptocurrency और Blockchain Technology का रेगुलेशन करना, उसे बढ़ावा देना और इसके डेवलपमेंट के लिए एक स्ट्रांग फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसके साथ ही, यह काउंसिल इंटरनेशनल क्रिप्टो और ब्लॉकचेन इंस्टीट्यूशन के साथ जुड़ने की कोशिश करेगी ताकि बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाया जा सके। Muhammad Aurangzeb ने इस काउंसिल के गठन को डिजिटल फाइनेंस में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
PCC का मुख्य उद्देश्य एक सेफ और रिस्पॉन्सिबल क्रिप्टो इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जहां डिजिटल एसेट्स का उपयोग फाइनेंशियल सिस्टम में प्रोस्पेरिटी और ग्रोथ के लिए किया जा सके। इसके अलावा, काउंसिल क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन के लिए स्पष्ट नियम और रेगुलेशन स्थापित करेगी, जिससे निवेशक सुरक्षित महसूस करें और देश में एक स्थिर डिजिटल फाइनेंशियल सिस्टम स्थापित हो सके।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति और BACC का योगदान
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सरकार का रुख इस क्षेत्र में अभी भी स्पष्ट नहीं है। भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या लगभग 5 करोड़ तक पहुंच चुकी है, लेकिन सरकार और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के बीच इस पर मतभेद बने हुए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात कर चुके हैं, और भारतीय सरकार की ओर से इसे लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं आई है। हाल ही में भारत सरकार ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने के लिए एजेंसियों से फोरेंसिक जांच की बात कही थी, जिससे यह सवाल उठने लगे थे कि क्या भारत सरकार Crypto Ban करेगी।
हालाँकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मामलों पर निगरानी रखने के लिए The Blockchain and Crypto Assets Council (BACC) एक महत्वपूर्ण संगठन है। BACC भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री के प्रमुख प्लेयर्स का प्रतिनिधित्व करता है और यह संगठन सरकार के साथ संवाद करता है ताकि क्रिप्टो इंडस्ट्री की चिंताओं को साझा किया जा सके और सही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया जा सके। BACC में प्रमुख क्रिप्टो कंपनियां जैसे CoinSwitch Kuber, WazirX, CoinDCX, Zebpay और अन्य शामिल हैं, जो क्रिप्टो और ब्लॉकचेन इंडस्ट्री के हितों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
BACC का एक प्रमुख उद्देश्य क्रिप्टो प्लेटफार्मों के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट तैयार करना है, जिसे सभी क्रिप्टो कंपनियों को पालन करना होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि क्रिप्टो इंडस्ट्री को उचित रेगुलेटरी फ्रेमवर्क मिले और यह अवैध गतिविधियों से मुक्त रहे। हालांकि, भारत सरकार के सख्त रुख के कारण कई क्रिप्टो निवेशक और डेवलपर्स चिंतित हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि भविष्य में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या कदम उठाएगी।
कन्क्लूजन
पाकिस्तान का क्रिप्टो काउंसिल लॉन्च करना डिजिटल फाइनेंस और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम है। यह काउंसिल पाकिस्तान को एक सुरक्षित और जिम्मेदार क्रिप्टो इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगी और देश को ग्लोबल डिजिटल फाइनेंस लैंडस्केप में एक प्रमुख स्थान दिला सकती है। वहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बढ़ने के बावजूद सरकार की नीतियां अभी भी अस्पष्ट हैं, जिससे निवेशकों और क्रिप्टो डेवलपर्स के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भारत में BACC जैसे संगठनों के माध्यम से क्रिप्टो इंडस्ट्री अपनी आवाज उठा रहा है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रति अपने रुख को स्पष्ट करती है या नहीं।